shiv chalisa in hindi Things To Know Before You Buy
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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।
अर्थ: हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही नहीं जब श्री राम मां शक्ति की पूजा कर रहे थे और सेवा में कमल अर्पण कर रहे थे, तो आपके ईशारे पर ही देवी ने उनकी परीक्षा लेते हुए एक कमल को छुपा लिया। अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
जय सन्तोषी मात अनूपम। shiv chalisa lyricsl शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥